Thursday, February 24, 2011

कलम थी हाथ में, लिखना सिखाया आपने

कलम थी हाथ में, लिखना सिखाया आपने, ताकत थी हाथ में, हौसला दिलाया आपने, मंजिल थी सामने, रास्ता दिखाया आपने, हम तो अजनबी थे, दोस्त बनाया आपने। दुनिया बदल जाए, तुम न बदलना, मुश्किलों में हो जब भी, याद हमें कर लेना. मांगे भी आपसे तो क्या मांगे, देना कुछ चाहो तो बस मुस्कुरा देना। रहने दे आसमा, जमीं की तलाश कर, सब कुछ यहीं है न कहीं और तलाश कर। हर आरजू पूरी हो तो जीने का क्या मज़ा, जीने के लिए बस एक कमी की तलाश कर। तुम्हे लाखो की भीड़ में पहचानता है कोई, दिन रात खुदा से तुम्हे मांगता है कोई, तुम ख़ुद से वाकिफ नही होंगे इतने, तुम्हे तुमसे भी ज़्यादा जानता है कोई। आंसुओ को बहुत समझाया, तन्हाई में आया न करो, महफिल में हमारा मज़ाक उड़ाया न करो, इसपर आँसू तड़प कर बोले... इतने लोगो में आपको तनहा पाता हूँ, इसीलिए चला आता हूँ। रौशनी होते हुए भी दिल में अँधेरा है, इन अंधेरो में किसी का बसेरा है, आना कभी रोशन करना हमारी महफिल को, देखना दिल की हर दिवार पे नाम तेरा है। ज़ख्म इतने गहरे थे, इज़हार क्या करते, हम ख़ुद निशाना बन गए, वार क्या करते, मर गए हम मगर खुली रही आँखें, अब इससे ज्यादा उनका इन्तिज़ार क्या करते.............................../////

No comments:

Post a Comment

IPL...

IPL 5 me bhi dhoni ne bata diya ki me hi hu jo team India ho ya me kisi bhi team ka captain rahu har nhi manuga..suruwat achi na rahe to na...